रविवार, 1 नवंबर 2009

हरियाणा में लड़कों की हालतः बहन के बदले बीवी

कहानी है हरियाणा फतेहबाद जिले के गांव जांडली कलां की। यहां के रहने वाले नाथू राम की शादी गीता से
होनी थी। उसी दिन नाथू की बहन की शादी गीता के मामा से होनी थी। लेकिन गीता के पिता ने डीएसपी से शिकायत कर दी। उन्होंने कहा गीता सिर्फ 15 साल की है और उनकी पत्नी और उसके परिवार ने साजिश के तहत गीता की शादी नाथू राम से तय कर दी, ताकि बदले में गीता के मामा की शादी हो सके। यह सब कुछ लेन-देन के तहत हुआ।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शादी रोक दी। लेकिन परिवार ने इसके लिए भी तैयारी कर रखी। उन्होंने तुरत-फुरत गीता की कजन सावित्री को दुल्हन के तौर पर पेश कर दिया। लेकिन सावित्री भी नाबालिग निकली। इसके बाद भी परिवारवाले रुके नहीं। उन्होंने परिवार में किसी और लड़की की तलाश शुरू कर दी, जिसकी शादी की जा सके। आखिरकार एक लड़की मिल गई, जिसकी उम्र 20 साल थी।

फतेहबाद के डीसी सी. जी. रजनीकांतन ने बताया कि पुलिस जब शादी रोकने के लिए पहुंची, तो परिवार वाले जोर दे रहे थे कि लड़की बालिग है। हालांकि लड़की खुद कह रही थी कि उसका जन्म 1993 में हुआ था। रजनीकांतन के मुताबिक जब मैंने उन्हें पुलिस केस की धमकी दी, तब जाकर वे शांत हुए और लिखित में दिया कि लड़की शादी बालिग होने के बाद ही की जाएगी।

यह कहानी सुनने में अजीब लगती है, लेकिन पहली बार नहीं हुई है। यही घटना सिरसा जिले के केहरवाल गांव में भी हुई थी। वहां तो लड़कियों की उम्र 12 और 14 साल थी।

हरियाणा में हालत यह हो गई है कि लड़कों की शादियां नहीं हो रही हैं। यहां सेक्स रेशो 822 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कुछ गांवों में तो 1000 पुरुषों पर 300-400 लड़कियां ही रह गई हैं। ऐसे में यहां के ग्रामीण इलाकों में लेन-देन का सिस्टम चल पड़ा है। जब किसी लड़के की शादी नहीं होती, तो उसके परिवार की किसी लड़की के बदले अन्य परिवार की लड़की ले ली जाती है। लेकिन हर परिवार में तो शादी की उम्र की लड़कियां होती नहीं हैं। लिहाजा कई बार नाबालिग लड़की की शादी कर दी जाती है।
नव भारत टाईमस् ............०१/११/09
....................................................................ना जाने इंसान कब सुधरेगा , कुदरत को अपने हाथों में लेने का परिणाम देख लो ।
अँधा धुंध भ्रूण हत्या करोगे तो इस से भी बुरे हालत पैदा हो जायेंगे , वक्त है संभल जाओ ,छोड़ दो दहेज़ का लालच ,
बेटियाँ लक्ष्मी होती है , आने दो उन्हें अपने घर में , स्वागत करो उनका ।

अब दिल्ली के बच्चे सहवाग कैसे बनेगे

कल से मदर डेरी ने दूध के रेट २ रुपये लीटर बढ़ा दिए है .समझ नही आता ,की सरकारी संस्था का काम महंगाई को रोकना है या बढाना .अब दूध भी मंहगा हो गया तो अब दिल्ली के बच्चे सहवाग कैसे बनेगे , सब के घर पर भैंस तो बंधी नही हुई कि ताज़ा दूध निकला और पी लिया । और दिल्ली में तो भैंस पाल भी नही सकते . यहाँ तो मदर डेयरी पर ही निर्भर करते है । ..................विजय अरोरा द्वारका दिल्ली

चुनाव लड़ कर मिनिस्टर बनना चाहता है मुन्ना बजरंगी।

चुनाव लड़ कर मिनिस्टर बनना चाहता है मुन्ना बजरंगी।
पहले कमी तो है नही राज निति में मुन्नों की ।
आप भी बन ज्जाओ , मजबूरन जनता को आप को भी जीता कर सत्ता में भेजना ही पड़ेगा ।
भारत की जनता तो पहले ही कम ख़राब नेता को चुन कर भेजने के लिए मजबूर है

शनिवार, 31 अक्तूबर 2009

राजस्थान के जयपुर में गुरुवार रात को तेल डेपो में लगी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा अब आग के ख़ुद ब ख़ुद बुझने का इंतज़ार कर रहे है.

सरकार ने महेश लाल की अगुवाई में एक जाँच समिति गठित की है ,जो अगले 12 दिनों में जांच कर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.मुरली देवड़ा ने कहा, “ समिति भविष्य में ऐसे हादसे न हो इस बारे में सुझाव देगी.”
.........................................................................................................................................
अब तो लगता है युद्घ होने पर भी सरकार कहेगी , हम दुश्मनों का हथियार का जखीरा ख़तम होने तक इन्तेजार करेंगे । बाद में समिति से जांच करवा लेंगे की युद्घ क्यों हुआ
....................................................................................................
नामर्द सरकार के नामर्द मंत्री


जीवन में कोई संघर्ष नहीं है। संघर्ष मन में वास करता है।

जीवन में कोई संघर्ष नहीं है। संघर्ष मन में वास करता है।

मन को प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। यद्यपि एक प्रशिक्षित मन व्यक्ति को शिखर तक ले जाने में समर्थ नहीं होता है, यह मार्ग के समस्त व्यवधानों को दूर कर देता है। एक मुक्त मन ईश्वरीय कृपा है।

जब एक साधन ने मन के चेतन भाग को समझ लिया होता है एवं उसके ऊपर नियंत्रण प्राप्त कर लिया होता है तो वह स्वाभाविक रूप से अपने कार्यो को ठीक व कुशलतापूर्वक करता है। अचेतन की तुलना में मन का चेतन भाग बहुत ही छोटा होता है, फिर भी अचेतन एवं चेतन मन के मध्य एक नजदीकी वार्तालाप रहता है।

जीवन के हर पल का आनंद लीजिए एवं इससे विचलित मत होइए। वह जो घटित नहीं होने जा रहा है वह घटित नहीं होगा एवं जो कुछ होने जा रहा है वह होकर ही रहेगा। इसलिए प्रशांति में हलचल नहीं लानी चाहिए। एक मन जो संतुलित एवं प्रशांत है वह असुर की कार्यशाला नहीं हो सकता है।

स्वयं को अपने मन, इसकी वस्तुओं, संवेगों, वाणी एवं कार्यो के साथ कभी भी एकरूप मत कीजिए (कभी भी मन के साथ मत पहचानिए)। कर्ता कार्य से भिन्न होता है। कभी भी अपने कार्यो, विचारों एवं संवेगों के साथ एकरूप मत होइए, अपितु अपनी वास्तविक प्रकृति शाश्वत प्रसन्नता को स्थापित करके जो कि शांति, प्रसन्नता एवं चिरानंद हैं, में रहिए।

ब्रिटिश किशोरी से दुष्कर्म



Oct 31,
नई दिल्ली। में एक युवा टूरिस्ट गाइड ने कथित रूप से एक ब्रिटिश किशोरी से दुष्कर्म करने का प्रयास किया था।पीड़िता 14 साल की लड़की है जो 29 सदस्यीय पर्यटक दल के एक सदस्य के रूप में यहां आई है। सत्ताइस वर्षीय गाइड मुरलीधरन ने कथित रूप से ब्रिटिया किशोरी का यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की।किशोरी ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराया है। वह भारत से लौट गई है।
.................................................................................................
आज तक हम यह नही समझ पाए की लोगो को क्या अपने घर में सुख नही मिलता जो की मामूली सी वासना के लिए लड़की या औरत का तथा अपना और अपने परिवार का जीवन भर के लिए सम्मान मिटटी में मिला देते है , और यहाँ तो विदेश में भी भारत माता का नाम बदनाम किया गया । क्या इनके माँ बाप इन्हे कोई शिक्षा देने वाला नही की , बुरे काम का बुरा नतीजा । चाँद लम्हों का सुख क्या इंसान को इतना अँधा कर देता है की उसे अपनी तथा परिवार की इज्जत तथा आर्थिक स्थिति का भी ख्याल नही रहता । क्योकि अब नोकरी भी नही रहेगी ,तो आमदनी का जरिए भी नही रहेगा . क्या मुंह दिखाते होंगे ये अपने समाज में ।

बेबस सरकार का क्या करें

जयपुर में इंडियन आयल के डिपो में आग लगी ,४८ घंटे बीत चुके है ।
सरकार ने हाथ उठा दिए हैं , तेल ख़तम होने तक इन्तजार करना पड़ेगा ।
अगर कही चार पांच जगह पर आंतक वादियों ने आग लगा दी
तो भारत का रक्षक भगवान् ही है ,
क्या फायदा है ऐसी सरकार का जो अपनी संपत्ति की भी रक्षा नही कर सकती